Gangaur 2022: माना जाता है महिलाएं शिव-गौरी की कृपा के लिए रखती हैं गणगौर व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जानिए क्यों की जाती है गणगौर पूजा और क्या है इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि.

Gangaur 2022: माना जाता है महिलाएं शिव-गौरी की कृपा के लिए रखती हैं गणगौर व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर गणगौर व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता पार्वती से मनोकामना करती हैं. इस व्रत को खासतौर पर उत्तरी भारत की महिलाएं रखती हैं और इस दिन पूजा-अर्चना करती हैं. गण का अर्थ शिव और गौर का अर्थ पार्वती बताया जाता है.  कहते हैं इस गणगौर पूजा को अलग-अलग जगहों पर भिन्न अवधि तक मनाया जाता है, कहीं 16 दिनों तक तो कहीं सिर्फ 3 दिनों तक. 

गणगौर व्रत मुहूर्त और पूजा विधि 

 मान्यतानुसार 18 मार्च से शुरू होकर पूजा का मुहूर्त 4 अप्रैल तक रहेगा. गणगौर का व्रत ना सिर्फ सुहागिन महिलाएं बल्कि अविवाहित कन्याएं भी रखती हैं. जहां महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह पूजा करती हैं तो वहीं कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए. होली के अगले दिन से ही गणगौर व्रत शुरू हो चुका है.

मान्यता के अनुसार सुबह-सुबह स्नान कर महिलाएं पूजा के लिए पारंपरिक वेषभूषा में तैयार होती हैं. वे इस दिन उपवास रखती हैं. होलिका दहन की राख को गीली मिट्टी में मिलाकर गेंहू और जौ बोया जाता है और 18 दिनों तक इसे पानी दिया जाता है. माना जाता है कि गणगौर पूजा करने के लिए माहिलाएं गणगौर को पानी पिलाकर, टेसू के भीगे फूल अर्पित कर कथा सुनती हैं. इस तरह पूजा करने पर वे भगवान शिव और माता गौरी (Shiv-Gauri) की विशेष कृपा पा लेती हैं. पूजा समाप्ति के दिन महिलाएं गणगौर गीत गाकर जुलूस निकालती हैं.