जब मातम में बदल गई थी 2006 के एशियन गेम्स की खुशियां, 1 खिलाड़ी की मौत से हिल गई थी पूरी दुनिया

2006 के एशियन गेम्स की मेजबानी कतर की राजधानी दोहा को दी गई थी। एक से 15 दिसंबर 2006 के बीच एशियाई खिलाड़ी खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने उतरे। हर इवेंट में कड़ी प्रतियोगिता नजर आ रही थी, खिलाड़ी जी जान लगा रहे थे लेकिन खेलों के सातवें दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने सबकुछ बदल दिया।

जब मातम में बदल गई थी 2006 के एशियन गेम्स की खुशियां, 1 खिलाड़ी की मौत से हिल गई थी पूरी दुनिया

फैंस और खिलाड़ियों के उत्साह और खुशी को सदमे में बदल दिया।

घोड़े ने किम को जमीन पर गिराया

यह सब कुछ साउथ कोरिया के घुड़सवार किम हुयांग चिल की मौत के कारण हुआ। किम हुयांग घुड़सवारी में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इवेंट के तीसरे दिन उन्होंने क्रॉस कंट्री इवेंट की अच्छी शुरुआत की। हालांकि जैसे ही वह 8वें फेंस (एक तरह का हर्डल जिस पर से घोड़े को कूदना होता है) के पास आए उनके 12 साल के घोड़े बंडबर्ग ब्लैक ने उन्हें नीचे गिरा दिया और खुद भी गिरकर किम हुयांग चिल के ऊपर पलट गया। 47 साल के किम को सिर और छाती पर गंभीर चोट लगी थी।

भारतीय घुड़सवार भी घोड़े से गिरे थे

इस हादसे के बाद किम को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन साउथ कोरिया का यह घुड़सवार फिर कभी होश में नहीं आए। एशियन गेम्स के आयोजकों ने उनकी मौत की पुष्टि की। उनकी मौत के बाद सिर्फ साउथ कोरिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मातम छा गया था। हादसे के महज दो घंटे के बाद फिर इवेंट शुरू किया गया।

साउथ कोरियाई लोगों को यह फैसला पसंद नहीं आया। एशियन गेम्स में इतने बड़े हादसे के बाद कोरियाई खिलाड़ियों के लिए सबकुछ भुलाकर वापसी करना आसान नहीं था। भारत के घुड़सवार परविंदर गिल भी अपने घोड़े से गिरे थे लेकिन उन्हें चोट नहीं लगी थी। 

55 वर्षों में पहली मौत

यह एशियन गेम्स के तब तक के 55 साल के इतिहास में पहली मौत थी। साउथ कोरिया की टीम ने किम हुयांग चिल की मौत के लिए पहले मौसम को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, एशियन गेम्स की टेक्निकल डेलीगेट एंडी ग्रीफिथ्स ने इससे साफ इंकार कर दिया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी समझ में मौसम के कारण हादसा नहीं हुआ है।